Tu Zaroor Aayegi
[intro]
तुझको देखता हूँ तो ज़िंदगी खुश हो जाती है
एक नई बहार सी आ जाती है
तेरी तस्वीरों को देख मेरी आंखे तेरी आँखों में खो जाती है
पर समझ ना आता तू दिल से दिल क्यों ना मिलाना चाहती है
सामने ना देखा कभी तुझको लेकिन तस्वीरों को देख कर बैठा मैं प्यार
फिर एक दिन आया खयाल कि कैसे करूंगा इकरार?
"नहीं रहना चाहती तुम्हारे साथ" message करके तुम ने बोला बार बार
और इसी गम में मुझको तेरा होने लगा इजतरार
फिर भी खोया रहता था तेरे खयालों में कि तू एक दिन जरूर आएगी
मेरे प्यार को समझ मुझको गले से लगाएगी
मेरे दिल का हाल तू समझ जाएगी
साथ सारी ज़िंदगी रहने का वादा निभाएगी
[verse 1]
तेरे प्यार में मैं पागल दीवाना
अजीब बोलता मुझको ज़माना
ना चाहता हूँ मैं तुझको गवाना
कैसे तुझको समझाऊँ प्यार का फ़साना?
नैन अश्क तेरी तस्वीरों को देख के
दुख कि बारिश मिल गई है मुझको भेंट में
बोल कुछ एक बार मेरी तरफ तू देख ले
मेरे सहर कि शुरुआत होती है तुझ ही से
क्या है वो ज़र्रा जिससे तुझमे मैं बस जाऊँ?
तुझको मैं अपने सीने से मैं कैसे लगाऊँ?
सोई उम्मीद को कैसे मैं जगाऊँ?
तुझको मैं अपना कैसे मैं बनाऊँ?
लगता है इक शायर कि जान चली जाएगी
पर इतना है यकीन कि तू समझ जाएगी
एक दिन तू मुझको मिल जाएगी
मेरी ज़िंदगी में भी तू जरूर आएगी
[verse 2]
तेरे ना करने से दिल उदास हो जाता है
लेकिन फिर भी ये दिल तुझ ही को ही चाहता है
अकेला बैठा तो तेरा नाम ही दिमाग में आता है
अब समझ ले तू तेरे को मैं कितना ज्यादा चाहता है
तेरे आगे मुझको सारी दुनिया लगती फीकी है
ऐसा लगता है कि तू सिर्फ मेरी ना किसी की है
अब तो सिर्फ तुझको पाने कि ही मैंने बात सीखी है
जानता हूँ कि तू थोड़ी खट्टी थोड़ी मीठी है
मजनू बन के सारी मुश्किल मैं सिर पे उठालूँगा
रोई तो उसी वक्त तुझको हसा दूंगा
जब तक ना समझेगी तब तक मैं तुझको समझा दूंगा
खुदा की इनायत से तुझको मैं अपना बना दूंगा