Aisa Yei Ba - Dhup Aarti
ऐसा येई बा साई दिगंबरा
अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू
श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा महाराजा येई बा
काशी स्त्रान जप प्रतिदिवशी
कोल्हापुर भिक्षेसि निर्मल नदी तुंगा
जल प्राशी निद्रा माहुर देशी ऐसा येईबा
झोळी लोंबतसे वाम करी त्रिशुल डमरू धारी
भक्ता वरद सदा
सुखकारी देशील मुक्ति चारि ऐसा येईबा
पायी पादुका जपमाला
कमंडलू मृगछाला धारण करिशि बा
नागजटा मुगट शोभतो माथा
ऐसा येईबा
तत्पर तुझ्या या जे ध्यानी
अक्षय त्यांचे सदानि लक्ष्मी वास करी
दिनरजनी रक्षिसि संकट वारुनि ऐसा येईबा
या परीध्यान तुझे गुरुराया
दृश्य करी नयना या पूर्णा नंद सूखे
ही काया लाविसि हरीगुण गाया ऐसा येईबा
साई दिगंबरा
अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू
श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा महाराजा येई बा