Meherbaan [Thodi Thodi Si Manmaaniyan]
महका महका रहता है
खवाबो का आशियाना
रातों के सरहाने पे रहती सुबह
महका महका रहता है
खवाबो का आशियाना
रातों के सरहाने पे रहती सुबह
गलियाँ बहकी बहकी सी
अवारी हैं हवाए
मिर्ज़ा हीर ओर रांझे का
हैं हरर जघा
खवाब सारे मेहेरबान
बे-कुमारी बेवजह
तूही तू है आशना
तूही तू है हर जघा मेहेरबान
मेहेरबान मेहेरबान
खवाब सारे मेहेरबान
तूही तू तूही तू है आशना
मेहेरबान मेहेरबान
खवाब सारे मेहेरबान
तूही तू तूही तू है बे-पँहा
न न केहन्दी सी फिर क्यों पी बैठे इश्क प्याले
न न केहन्दी सी फिर क्यों क्यों खो बैठे यार हवाले
न न केहन्दी सी फिर क्यों पी बैठे इश्क प्याले
न न केहन्दी सी फिर क्यों क्यों खो बैठे यार हवाले
लेहरो की जो चाल है
तेरी मेरी मेरी तेरी तेरी मेरी
वो रफ़्तार है
डूबा जो भी सो वो पार है
ऊ..जाने अंजाने कोई माने या ना माने
यह प्यार है
ऊ..कूशबुओं से जा मिला
चाहतों का काफिला
अनसुनी सी दास्तान
कह रहा है असमा मेहेरबान
मेहेरबान मेहेरबान
खवाब सारे मेहेरबान
तूही तू तूही तू है आशना
मेहेरबान मेहेरबान
खवाब सारे मेहेरबान
तूही तू तूही तू है बे-पँहा
ख्मोषी हैं क्यूँ यू खाँ-खा?
खोलो लब खोलो लफ़्ज़ों से अब बोलो इज़हार है
कहे थम या उर चले
रॅंगून के घर भर
असमा के पर सन-सर है
खवाब सारे मेहेरबान
बे-कुमारी बेवजह
तूही तू है आशना
तूही तू है हर आशना मेहेरबान
मेहेरबान मेहेरबान
खवाब सारे मेहेरबान
तूही तू तूही तू है आशना
मेहेरबान मेहेरबान
खवाब सारे मेहेरबान
तूही तू तूही तू है बे-पँहा
महका महका रहता है
खवाबो का आशियाना
रातों के सरहाने पे रहती सुबह