Devi
देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी
जगत जननी है माता सी बेटी
यह धरती पे जन्मी है देवी
नन्हे से पैरो की आहत है चोखट पे
लक्षमी सी ख़ान ख़ान देवी देवी
देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी
चंदन सी ठंडक है
अग्नि सी देखी तपस्वी का ताप है देवी
देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी
क्या किस्मत लाया है तेरे आँगन में
खुद छलके आई है देवी
नीव बनेगी वो रीढ़ बनेगी
वो सिर पे वो साया है देवी
देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी
रूठ गयी वो जो टूट गयी
वो तो पर लें बनेगी यह देवी
देवी देवी देवी देवी देवी देवी
देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी
पल में वो दुर्गा है
ज्ञानी सरस्वती देवो की देवी है देवी
सोच ले मानव तू बन जाए दानव तू
गोरी सी काली हो देवी देवी
देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी
छोड़ अहंकार बड़ा ही ख़ूँख़ार
रूप वो लेगी देवी
देवी देवी देवी देवी देवी देवी
शक्ति के बिन तो शिव भी अधूरा है
शिव भी अधूरा है शिव भी अधूरा है
रमणी के बिन जैसे ब्रह्मा अधूरा है
ब्रह्मा अधूरा है ब्रह्मा अधूरा है
शक्ति के बिन तो शिव भी अधूरा है
शिव भी अधूरा है शिव भी अधूरा है
रमणी के बिन जैसे ब्रह्मा अधूरा है
ब्रह्मा अधूरा है ब्रह्मा अधूरा है
कृष्ण भी लगता है आधा सा
थोड़ा जो राधा का नाम ना जोड़ा जोड़ा
देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी देवी