Gusse Men Jo Nakhra Hai

Roshan, Sahir Ludhianvi

गुस्से में जो निखरा है उस हुस्न का क्या कहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना

इस हुस्न के शोले की तसवीरें बना ले हम
तसवीरें बना ले हम
इन गर्म निगाहों को सीने से लगा लें हम
सीने से लगा लें हम
पल भर इसी आलम में
पल भर इसी आलम में ऐ जान ए अदा रहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना

ये बहका हुआ चेहरा ये बिखरी हुई ज़ुल्फ़ें
ये बिखरी हुई ज़ुल्फ़ें
येबढ़ती हुई धड़कन ये चढ़ती हुई साँसें
ये चढ़ती हुई साँसें
सामान ए कज़ा हो तुम
सामान ए कज़ा हो तुम सामान ए कज़ा रहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना

पहले भी हसीं थीं तुम लेकिन ये हक़ीक़त है
लेकिन ये हक़ीक़त है
वो हुस्न मुसीबत था ये हुस्न क़यामत है
ये हुस्न क़यामत है
औरों से तो बढ़कर हो
औरों से तो बढ़कर हो खुद के भी सिवा रहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना

Curiosidades sobre a música Gusse Men Jo Nakhra Hai de Mukesh

De quem é a composição da música “Gusse Men Jo Nakhra Hai” de Mukesh?
A música “Gusse Men Jo Nakhra Hai” de Mukesh foi composta por Roshan, Sahir Ludhianvi.

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