Zohrajabeen
जोहरा जबीन
जोहरा जबीन
जोहरा जबीन
जोहरा जबीन
खून तेरी यादों के
खून तेरी बातों के
खून तेरी शामों के
खून तेरी रातों के
खून मेरे सपनों के
खून मेरी चाहतों के
गौर से तू देख
खून लगा तेरे हाथों पे
जोहराजबीन
कोई महफिल नहीं
जिस महफिल में
खून हमने थूके नहीं
जोहराजबीन
तेरे आशिक थे
तेरे आशिक हैं
तेरे पैरों के जूते नहीं
जोहरा जबीन
ये तू किस देवते को
बलियां चढ़ाए मेरी
पता नहीं लगता
गर्दन पे वार का
तू और तेरे शहर के लोग सारे
यार बनाके खून पीते हैं यार का
जान कोई मुर्दों में फूके नहीं
हम तेरे जैसा यार छूते नहीं
तू ही था झूठा हम झूठे नहीं
जोहराजबीन
कोई महफिल नहीं
जिस महफिल में
खून हमने थूके नहीं
जोहराजबीन
तेरे आशिक थे
तेरे आशिक हैं
तेरे पैरों के जूते नहीं
जोहराजबीन
आँखें फोड़ देती हैं
दिल निचोड़ देती हैं
याद तेरी दिल नहीं
हड्डियाँ तोड़ देती हैं
तू नहीं छोड़ता
किसी को यहाँ
इक घर तो जानी
चुड़ैल छोड़ देती हैं
उसे नहीं पता
बुरी बहुत ही होती है
जिगर के आर पार
चोट ही होती है
आम कोई होता तो
बच जाती जिंदगी
शायर से बेवफ़ाई
मौत ही होती है
मेरे ही सांप थे पाले सनम
मुझको ही छोड़ जाने वाले सनम
जैसे मैं टूटा काँच टूटे नहीं
जोहराजबीन
कोई महफिल नहीं
जिस महफिल में
खून हमने थूके नहीं
जोहराजबीन
तेरे आशिक थे
तेरे आशिक हैं
तेरे पैरों के जूते नहीं
जोहराजबीन
जोहराजबीन