Piya Ho
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
मस्त आलम महव-ए-रक़स हो जाए
रांझाँ इश्क़ स्वर्ग खिलाए
हो ओ ओनिंदिया के धारे चंदा जगाए
सपनो के साहिल पिया बुलाए
पिया हो पिया
पिया हो पिया
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
तेरा दिल खा के जनम घबरा गया
घबरा गया
नूर से रोशन सनम लरज़ा गया
लरज़ा गया
सजदा मिला तो खाक को सजदा गया
सागर मस्त यह मन से झूमा
क़तरे में समा गया
हर जहाँ में हर जगह पे
बेपनाह सजदा मिला
मौला हो मौला
मौला हो मौला
बुर्रपरक्ष पागल का अक़्स धुआँ धुआँ
धुआँ धुआँ
झूम उठा मंज़र में बस रुआं रुआं
रुआं रुआं
एहद-ए-एक हुआ बयाँ जा मिला कहाँ कहाँ
हुक्म-ए-कुन के सामने हस्न बेशुमार हुआ
इश्क़ ज़ाहिर इश्क़ बातिं ज़ेर-ए-लब हुआ
मौला हो मौला
मौला हो मौला
मौला हो मौला
पिया हो पिया
मस्त आलम महव-ए-रक़स
मस्त आलम महव-ए-रक़स
यह जुनून और तेरा अक़्स
यह जुनून और तेरा अक़्स
मस्त आलम (मस्त आलम महव-ए-रक़स मस्त आलम महव-ए-रक़स)
मस्त आलम महव-ए-रक़स (मस्त आलम महव-ए-रक़स मस्त आलम महव-ए-रक़स)
यह जुनून और तेरा अक़्स (मस्त आलम महव-ए-रक़स मस्त आलम महव-ए-रक़स)
यह जुनून और तेरा अक़्स (मस्त आलम महव-ए-रक़स मस्त आलम महव-ए-रक़स)
है फ़ना से ला फ़ना तक (मस्त आलम महव-ए-रक़स मस्त आलम महव-ए-रक़स)
चार-सू है तू ही बस (मस्त आलम महव-ए-रक़स मस्त आलम महव-ए-रक़स)
पिया (मस्त आलम महव-ए-रक़स मस्त आलम महव-ए-रक़स)
चार-सू है चार-सू है (पिया पिया) (मस्त आलम महव-ए-रक़स)
हो मौला चार-सू है (पिया)
तू ही बस, तू ही बस (पिया)
पिया पिया