Mil Gaya
परसो बैठे बैठे यूँ ही
सो गया था मै
जिसकी यादों मे था
उसमे खो गया था मै
परदा जो हिला
धीमी सी हवा आई
और कहती थी मुझे
किसी और को भी
आज तेरी याद आई
मिल गया मिल गया
ढूंढता था दिल उसको
शामे
खिल गया खिल गया
फिर से तेरे लब पे मेरा नाम
एक दिन बैठे बैठे
यूँही हँस पड़ा था मै
यार मुझ पे हसते
उनपे हँस रहा था मै
ना जाने शोर मे
कैसी ये चुप्प छाई
और कहती थी मुझे
किसी और को भी
आज तेरी याद आई
मिल गया मिल गया
ढूंढता था दिल उसको
शामे
खिल गया खिल गया
फिर से तेरे लब पे मेरा नाम
साथ मिलके छलके ये सिलसिले
बढ़ते जाए पायें हम मंज़िलें
जिनपे जाके छेड़ें नयी दास्तान
मिल गया मिल गया
ढूंढता था दिल उसको
शामे
खिल गया खिल गया
फिर से तेरे लब पे मेरा नाम
मिल गया मिल गया
ढूंढता था दिल उसको
शामे
खिल गया खिल गया
फिर से तेरे लब पे मेरा नाम