Naina Lahoo
अज तां मर मुखड़ा
रांझेने नहीं रुकना
पावे आग जहाँ मे लग जानी
बंदेया नई मुड़ना
नैना लहू है गिलें
नैना लहू है गिलें
नैना लहू है गिलें
नैना लहू है गिलें
जिस्म से रूह हरसें
रुक नाग बनके डस डस
अब दर्द बहे हिस्से हिस्से
हूँ बेसुकूँ नैना लहू है गिलें
नैना लहू है गिलें
नैना लहू है गिलें
सब हे अब हुआ जलता हे जहाँ
क्या हे इन हाथों मे
सोले गिलें आसमान
तू ना दे ढील ये तेरे
नैना लहू है गिलें
आह आ आ आ आह आ आ आ
जख़्मो पे जख़्मो की परते है
जिंदा नही ना मरते है
जख़्मो पे जख़्मो की परते है
जिंदा नही ना मरते है
जब मे सांस मे लेता हू उन्मीद
अंगार सिने मे उतरते
कभी चोट लगे तो कोई आह नहीं
काटों से ही होके गुज़रते हैं
रेशम से बुने ये मेरे सब नैन
झर झर झर झर होक गिरतें हैं
रुक नाग बनके डस डस
अब दर्द बहे हिस्से हिस्से
हूँ बेसुकूँ नैना लहू है गिलें
नैना लहू है गिलें
नैना लहू है गिलें
आह आ आ आ आह आ आ आ
आह आ आ आ आह आ आ आ
रूफ्स मेरे धर दे देखे
बुझ से दी ये बांधें देखे
धीनता धा धिन ता ढा पा नि धा
हीरे द कोई मोल न जाने
हो खोटे सिक्के छाते देखे
पा नि धा शा पा नि धा शा
पा नि धा शा
हो जिन्ना दाना चक्कदे कोई
ओ पुत्तर दी पलड़े देखे
ओ सीधी रेहमत दे नल बन्दे
पानी उत्थे चलदे देखे
हथ खाली जंग दे देखे
इक पल कुछ लक बलते देखे
इक पल कुछ लक बलते देखे
रोग सुन्हेरे ढल दे देखे
बुझते दिए बलदे देखे
रोग सुन्हेरे ढल दे देखे
बुझते दिए बलदे देखे
रोग सुन्हेरे ढल दे वेखे
बुझते दिए बलदे देखे
रोग सुन्हेरे ढल दे देखे
बुझते दिए बलदे देखे