Sanjeevani Laavan Chale Kapi Kahe Jai Shri Ram
M. G. Sreekumar
संजीवनी लावन चले कपि कह जय श्री राम (जय श्री राम)
करून अवस्था मे यहाँ सोचे करुना धाम
क्या मोल भला इस जीवन का आये यदि बंधु के काम नहीं
भाई को जो आज बचा ना सका कोई राम का लेगा नाम नहीं
जग वालों जग मे सब कुछ है भाई जैसा सुख धाम नहीं
है जोड़ी राम और लक्ष्मण की, लक्ष्मण जो नहीं तो ये राम नहीं
लक्ष्मण जो नहीं तो ये राम नहीं