Sita Ram Charit Ati Pawan
Ravindra Jain
सीता राम चरित अति पावन
मधुर सरस और अति मन भावन
औ औ पुनि पुनि कितने हो सुने सुनाये
हिये की प्यास बुझत ना बुझाये
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
रामायण सुर तरु की छाया(राम सिया राम सिया राम जय जय राम)
दुःख भय दूर निकट जो आया(राम सिया राम सिया राम जय जय राम)
नाना भाटी राम अवतारा(राम सिया राम सिया राम जय जय राम)
रामायण सात कोटि अपरा