Prathamam Matsarupascha
प्रथमाम मत्स्या रूपश्चा वेदोधारमेवाचा
द्वितियाँ कुर्मा रूपश्चा पर्वतोद्धारामेवाचा
वरहा रूपम तृतीयास्चा भूदेव्योद्धारमेवाचा
चतुर्तम नरहरी रूपम हीरण्याक्षम वधोमेव
पंचमाम वामानो रूपम त्रिपादम दानमेवाचा
सष्ठम परशुरांश्चा पानिश्छा परशुधारणम
सप्टमाम राम चंद्रसचा मर्यादा अनुपालनम
अष्टमाम कृष्णा रूपए चा
नारायण नमोस्तुते (नारायण नमोस्तुते)
अले कृष्ण स्थले कृष्ण कृष्णाम आकाशामुच्यते
स्थावरम जंगमाम कृष्ण सर्वाँ कृष्णमायँ जगत
आकाशाट पतित्म टॉयं, यथा गच्च्छती सागरम
सर्वा देव नमस्कारा, केशवाँ प्रति गच्च्छती