Gyan Ke Parvat Dhyan Ke Saagar
RAVINDRA JAIN
ज्ञान के पर्वत धयान के सागर बाल यति शुक देव कहाए
वेद समस्त और शास्त्र सभी मुनि राज के मानस माहि समाए
ऐसे महा तपधारी के दवार पे याचक बनके परीक्षित आए
जान मनोरथ राजन का मुनि राज कृपा के घन बरसाए