Sahiba Russ Gayiya
नैन नैन से कुछ ना बोले
रैना ना दरवाज़ा खोले
छुप छुप के क्यों रोये मनन की मैना
प्यार ना होता
सबसे वाखरे इसके चोली
अड़ जाए ते फिर ना माने कहना
जा नहीं बोलना
मैं नहीं बोलना
जा नहीं बोलना जा
जा नहीं बोलना
तेनु कोई खबर नहीं मिर्ज़ा
कोई जोड़ खुल गया है दिल दा
हत्थान ‘को इश्क़े दी मेहँदी
थोड़ी छूट गईया
साहिबा रूस गईया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
साहिबा रूस गईया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
साहिबा रूस गईया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
साहिबा रूस गईया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
क्या खोया, कितना खोया
क्या है पाया
किस जगह पे प्यार मुझको लेके आया
दिल मेरा वांग जोगिया रुल्या
मुझको तो अपना नाम ही भूल्या
फिर भी राज़-इ-इश्क़ ना खुल्या
की करां, की करां
चार दिना दी जिन्दादि
दो दिन जी के रुक गया
साहिबा रूस गईया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
साहिबा रूस गया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
साहिबा रूस गया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
साहिबा रूस गया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
मन’ने ते मैं जवान
मन’ने ते मैं जवान
पर दिल चन्द्रे न
चानना दस् किवें समझवां
पर दिल चन्द्रे न
चानना दस् किवें समझवां
साहिबा रूस गया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
साहिबा रूस गया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
साहिबा रूस गया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया
साहिबा रूस गया, रूस गईया
साहिबा रूस गईया