Raabta (Night In a Motel)

Amitabh Bhattacharya

फैली थी सियाह रातें, आया तोह सुबह लेके
खामखा सी ज़िन्दगी में जीने की वजह लेके
खोया था समुंदरों में, तनहा सफीना मेरा
साहिलों पे आया है, तू जाने किस तरह हाँ लेके
कुछ तोह है तुझसे राब्ता
कुछ तोह है तुझसे राब्ता
कैसे हम जाने हमे क्या पता
कुछ तोह है तुझसे राब्ता
अब क्या है कहना, हुमको है रहना
जन्नतें भुला के तेरी बाहों में पनाह लेके
फैली थी सियाह रातें, आया तोह सुबह लेके
खामखा सी ज़िन्दगी में जीने की वजह लेके

मेहरबानी जाते जाते मुझ पे कर गया
गुज़रता सा लम्हा एक दामन भर गया
तेरे नज़ारा मिला, रोशन सितारा मिला
तकदीर का जैसे कोई इशारा मिला

रूठी हुई ख्वाइशों में थोड़ी सी सुलाह लेके
आया तू खामोशियों में, बातों की जिरह लेके
खोया था समुंदरों में, तनहा सफीना मेरा
साहिलों पे आया है, तू जाने किस तरह हाँ लेके
कुछ तोह है तुझसे राब्ता
कुछ तोह है तुझसे राब्ता
कैसे हम जाने हमे क्या पता
कुछ तोह है तुझसे राब्ता
अब क्या है कहना, हुमको है रहना
जन्नतें भुला के तेरी बाहों में पनाह लेके
फैली थी सियाह रातें, आया तोह सुबह लेके
खामखा सी ज़िन्दगी में जीने की वजह लेके

Curiosidades sobre a música Raabta (Night In a Motel) de Pritam

Quando a música “Raabta (Night In a Motel)” foi lançada por Pritam?
A música Raabta (Night In a Motel) foi lançada em 2012, no álbum “Agent Vinod”.
De quem é a composição da música “Raabta (Night In a Motel)” de Pritam?
A música “Raabta (Night In a Motel)” de Pritam foi composta por Amitabh Bhattacharya.

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