Woh Ek Shakhs

Pamela Singh

वो एक शख्स निगाहो से जो हटा ही नही
वो एक शख्स निगाहो से जो हटा ही नही
बिच्छाद गया भी तो ऐसे के फिर मिला ही नही
बिच्छाद गया भी तो ऐसे के फिर मिला ही नही
वो एक शख्स निगाहो से जो हटा ही नही

ना जाने कौन सी मजबूरियाँ रही उसको
ना जाने कौन सी मजबूरियाँ रही उसको
ना जाने कौन सी मजबूरियाँ रही उसको
सितम तो ये हैं की वो शख्स बेवफा भी नही
सितम तो ये हैं की वो शख्स बेवफा भी नही
बिच्छाद गया भी तो ऐसे के फिर मिला ही नही
वो एक शख्स निगाहो से जो हटा ही नही

मेरी गाज़ल पे तू हैरान क्यूँ हुआ आख़िर
मेरी गाज़ल पे तू हैरान क्यूँ हुआ आख़िर
मेरी गाज़ल पे तू हैरान क्यूँ हुआ आख़िर
तेरे खिलाफ कभी मैने कुच्छ लिखा ही नही
तेरे खिलाफ कभी मैने कुच्छ लिखा ही नही
बिच्छाद गया भी तो ऐसे के फिर मिला ही नही
वो एक शख्स निगाहो से जो हटा ही नही

हमारे दर्द का एहसास कर रहे हो मगर
हमारे दर्द का एहसास कर रहे हो मगर
हमारे दर्द का एहसास कर रहे हो मगर
ये ऐसा दर्द हैं जिसकी कोई दवा भी नही
ये ऐसा दर्द हैं जिसकी कोई डॉवा भी नही
बिच्छाद गया भी तो ऐसे के फिर मिला ही नही
वो एक शख्स निगाहो से जो हटा ही नही

Curiosidades sobre a música Woh Ek Shakhs de Pamela Singh

Quando a música “Woh Ek Shakhs” foi lançada por Pamela Singh?
A música Woh Ek Shakhs foi lançada em 2008, no álbum “Alfaaz ( Words )”.

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