Itne Fareb Khaaye
इतने फरेब खाए के
शिकवा भी क्या करूँ
इतने फरेब खाए के
शिकवा भी क्या करूँ
वो मेरा दोस्त हैं उससे
वो मेरा दोस्त हैं उससे
रषवा भी क्या करूँ
इतने फरेब खाए के
शिकवा भी क्या करूँ
नज़रों से गिर के भी
मेरे दिल से ना जेया सका
नज़रों से गिर के भी
मेरे दिल से ना जेया सका
मैं उसको भूल ने की
मैं उसको भूल ने की
तमन्ना भी क्या करूँ
इतने फरेब खाए के
शिकवा भी क्या करूँ
मुझको वफ़ा के नाम पे
मिटाने का शोखा था
मुझको वफ़ा के नाम पे
मिटाने का शोखा था
अब उसके बेवफ़ाई का
अब उसके बेवफ़ाई का
सदमा भी क्या करूँ
इतने फरेब खाए के
शिकवा भी क्या करूँ
खुदरिया कफील कठिन हैं बहोट मगर
खुदरिया कफील कठिन हैं बहोट मगर
फैला के हाथ खुद को
फैला के हाथ खुद को
तमाशा भी क्या करूँ
इतने फरेब खाए के
शिकवा भी क्या करूँ
वो मेरा दोस्त हैं उससे
वो मेरा दोस्त हैं उससे
रषवा भी क्या करूँ
इतने फरेब खाए के
शिकवा भी क्या करूँ