Sautela Sheher
वही सुबह वही शाम है
वही चेहरे वही नाम है
वही धड़कन वही रौशनी भी
अल्लाह यहीं यहीं राम है
फिर भी क्यूँ अजनबी
फिर मैं क्यों मैं नहीं
फिर है क्यूँ ये मकान घर नहीं
सौतेला सा ये शहर
सौतेला है ये मगर
फिर भी अपना है ये जहां
सौ जगह जाये डगर
सौ वजह जाने की पर
फिर भी जीना अब है यहां
सौतेला शहर हम्म हम्म (सौतेला शहर)
सौतेला शहर हम्म हम्म (सौतेला शहर)
सौतेला शहर हम्म हम्म (सौतेला शहर)
जागे जागे नैं ठाका रे
भागे भागे पाँव थके हैं
मुस्कुराये गुनगुनाये
करता जाये एहसान सवेरे
न है छतरी न है छात रे
और ये सपनो की ताकत रे
ये समंदर और अंबर रेन बसेरे
फिर क्यूँ तू अजनबी
फिर क्यों तू तू नहीं
फिर है क्यूँ ये आफिया घर नहीं
ओ सौतेला सा ये शहर (ओ सौतेला सा ये शहर)
सौतेला है ये मगर (सौतेला है ये मगर)
फिर भी अपना है ये जहां
सौ जगह जाये डगर (सौ जगह जाये डगर)
सौ वजह जाने की पर (सौ वजह जाने की पर)
फिर भी जीना अब है यहां
सौतेला शहर हम्म हम्म (सौतेला शहर)
सौतेला शहर हम्म हम्म (सौतेला शहर)
सौतेला शहर हम्म हम्म (सौतेला शहर)
सपनो का शहर है ये मेरा
तू संग है तो घर है ये मेरा
जैसा भी है पर है ये मेरा
पीछे कहीं छूटा है जो
गाओं मेरा रूठा है जो
मेरी ज़मीन मेरी हवा कहाँ मेरा आसमां
अब मैं हूँ अजनबी (अब मैं हूँ अजनबी)
अब मैं हूँ मैं नहीं (अब मैं हूँ मैं नहीं)
है ये मेरा आशियां पर घर नहीं वह
फिर भी अपना है ये जहां
सौ जगह जाये डगर
जाना है पर
फिर भी जीना अब है यहां
सौतेला शहर हम्म हम्म
सौतेला शहर हम्म हम्म
सौतेला शहर हम्म हम्म
सौतेला शहर हम्म हम्म
सौतेला शहर हम्म हम्म
सौतेला शहर हम्म हम्म