Gham Ka Sataya Hua
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ
ज़िंदगी के हर
खेल में हरा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ
शायद मेरे हाथ में
जीत की रेखा नहीं
जो भी मैने चाहा उसे
खोते हुए देखा नहीं
पा सका ना मैं उसे
जो भी मुझे प्यारा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ
आरज़ू में फूल की
कंतो पे मैं चलता रहा
खून मेरा आस के
दीपक में जलता रहा
आज मैं अकेला हूँ
दिल बेसहारा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ
जाने क्या क्या दिल में था
ख्वाब थे अरमान थे
क्या खबर थी यह तबाही
के मेरी समान थे
रह गये भावर में हम
दूर अब किनारा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ
ज़िंदगी के हर
खेल में हरा हुआ
घाम का सताया हुआ
किस्मत का मारा हुआ.