Sandesh
यह सवेरा चले
जैसे मिलने आ गये मुझसे सब दोस्त मेरे
हम्म यह रंग बिखरा
इस तरफ बादल है उस तरफ सूरज निकला
चल फिर फिरे डोर हवा में उड़े
हम तो पहली पहली सावन की घटा से मिले
घर से कोई पुकारे पास मेरे तू अब तो आ रे
सदियों चलते तब मिलते किनारे यहाँ
दिल मैने तो दिया
बदले में तू मुझसे वैसे ही प्यार किया
तुम से बस यह कहना है कभी हो ना जाना गुम
हम से दूर ना जाना ना तन्हा रहना तुम
अब तो साथ का जीना है
दिल का कहना सुन दिल का कहना सुन
यह हँसती सहेर
तेरी पहली ये किरण चूमे सागर की ल़हेर
हम्म यह फैले हुए
सारे बदल भी गरज के मिले फिर कह तो दिए
चल फिर फिरे डोर हवा में उड़े
तुम से पहली पहली बार इस जहाँ में मिले
अब मिले हैं दो किनारे अपना तू ही तो है प्यारे
सदियों वो चलाए फिर मिलाए यहाँ
है जैसे भी हुआ
अल्लाह रखे साथ तुझे मेरी निकले दिल से दुआ
हम्म हम्म हम्म हम्म