Toh Aagaye Hum

Sayeed Quadri

तू ही ज़हन में शाम सवेरे
तेरी ही लब पे बात है

तू ही ज़हन में शाम सवेरे
तेरी ही लब पे बात है
तुझसे मिला हूँ मैं जिस जगह पे
अब वो जगह भी खास है
उसकी तरफ ही ले जाते हैं
मुझको यह मेरे कदम
तो आ गये हम तो आ गये हम
तो आ गये हम ओह सनम
तो आ गये हम तो आ गये हम
तो आ गये हम ओह सनम
मुझे वहाँ तू मिल जाए
तू मिल जाए मेरे हमदम
तो आ गये हम तो आ गये हम
तो आ गये हम ओह सनम
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
अफ तेरी क्या बात है
तुझपे हूँ मैं फिदा
वरना दिल मैं किसी को
देता नही बाखुदा
तुहसे ही मिलने को चाहे
दिल यह मेरा हर दम
तो आ गये हम तो आ गये हम
तो आ गये हम ओह सनम
तो आ गये हम तो आ गये हम
तो आ गये हम ओह सनम

ढूंड के भी ना मिले
कोई भी तेरी तरह
फिर मैं क्यों ज़ाया करूँ
वक़्त अपना भला
तेरे संग ही मैं गुज़ारू
जीने के हर मौसम
तो आ गये हम तो आ गये हम
तो आ गये हम ओह सनम
तो आगाय हम तो आगाय हम
तो आ गये हम ओह सनम
मुझे वहाँ तू मिल जाए
तू मिल जाए मेरे हमदम
तो आ गये हम तो आ गये हम
तो आ गये हम ओह सनम
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ओ ओ ओ ओ ओ
तो आ गये हम तो आ गये हम
तो आ गये हम ओह सनम(ओ ओ)

Curiosidades sobre a música Toh Aagaye Hum de Jubin Nautiyal

De quem é a composição da música “Toh Aagaye Hum” de Jubin Nautiyal?
A música “Toh Aagaye Hum” de Jubin Nautiyal foi composta por Sayeed Quadri.

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