Tum Hi Aana
तेरे जाने का ग़म
और ना आने का ग़म
फिर ज़माने का ग़म क्या करें
राह देखे नज़र
रात भर जाग कर
पर तेरी तो ख़बर ना मिले
बहोत आई गई यादें
मगर इस बार तुम ही आना
इरादे फिर से जाने के
नहीं लाना तुम ही आना
मेरी देहलीज़ से होकर
बहारें जब गुज़रती है
यहाँ क्या धुप क्या सावन
हवाएँ भी बरसती हैं
हमें पूछो क्या होता है
बिना दिल के जिए जाना
बहोत आई गई यादें
मगर इस बार तुम ही आना
आ आ आ आ आ
कोई तो राह वो होगी
जो मेरे घर को आती है
करो पीछा सदाओं का
सुनो क्या कहना चाहती है
तुम आओगे मुझे मिलने
ख़बर ये भी तुम ही लाना
बहोत आई गई यादें
मगर इस बार तुम ही आना
मरजावाँ
मरजावाँ