Main Balak Tu Mata
तू क्या जो ये पीड़ा का पर्वत
रस्ता रोके खड़ा है
तेरी ममता जिसका बल वो
कब दुनिया से डरा है
हिम्मत मैं क्यूँ हारू मईया
हिम्मत मैं क्यूँ हारू मईया
सर पे हाथ तेरा है
तेरी लगन में मगन मैं नाचूँ
गाऊं तेरा जगराता
मैं बालक तू माता शेरावालिए
है अटूट यह नाता शेरावालिए
हो ओ
मैं बालक तू माता शेरावालिये
है अटूट यह नाता शेरावालिये
शेरा वालिए माँ पहाड़ा वालिए माँ
जोता वालिए माँ मेहरा वालिए माँ
मैं बालक तू माता शेरा वालिए
है अटूट यह नाता शेरा वालिए
बिन बाती बिन दिया तू कैसे
काटे घोर अँधेरा
बिन सूरज तू कैसे करदे
अंतर्मन में सवेरा
बिन धागों के कैसे जुड़ा है
बिन धागों के कैसे जुड़ा है
बंधन तेरा मेरा
तू समझे या मैं समझू
कोई और समझ नहीं पाता
मैं बालक तू माता शेरावालिये
है अटूट यह नाता शेरावालिये हो हो
मैं बालक तू माता शेरावालिये
है अटूट यह नाता शेरावालिये
शेरा वालिए माँ ज्योता वालीये माँ
पहाडा वालिए माँ मेहरा वालिए माँ
मैं बालक तू माता शेरावालिये
है अटूट यह नाता शेरावालिये