Kuch Paas Mere

Manoj Muntashir

कुछ पास मेरे मेरा था ही नहीं
जो कुछ है सब तेरे होने से
कोई और मेरा अब हो ना हो
मुझे है मतलब तेरे होने से
तूने हाथ दीए इन हाथों में
तो लकीर मेरी तहरीर हुई
रोके ना रुका दिल रांझा हुआ
आंखें ये तेरी जब हीर हुई
तूने आके बादल दी ज़िंद मेरी
डरता हूं तुझे खोने से
कुछ पास मेरे मेरा था ही नहीं
जो कुछ है सब तेरे होने से

जो भी तू चाहे सर आंखें पे
तेरी रज़ा में मेरी रज़ा
हम्म जो भी कहे तू मंजूर है बस
कहना कभी ना तू अलविदा
क्या है जादू
हर सांस में शामिल तू
आती है हमें तेरी सदा
हसने से मेरे रोने से
कुछ पास मेरे मेरा था ही नहीं
जो कुछ है सब तेरे होने से
कोई और मेरा अब हो ना हो
मुझे है मतलब तेरे होने से

Curiosidades sobre a música Kuch Paas Mere de Jubin Nautiyal

De quem é a composição da música “Kuch Paas Mere” de Jubin Nautiyal?
A música “Kuch Paas Mere” de Jubin Nautiyal foi composta por Manoj Muntashir.

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