Tere Khayal Ki
खुमार ए गम है महकती
फ़िज़ा में जीते हैं
खुमार ए गम है महकती
फ़िज़ा में जीते हैं
तेरे ख्याल की आब-ओ-हवा
में जीते ऐन
खुमार-ए-ग़म है महकती
फ़िज़ा में जीते हैं
बड़े इतफाक से मिलते हैं
हैं मिलने वाले मुझे
बड़े इतफाक से मिलते हैं
हैं मिलने वाले मुझे
वो मेरे दोस्त है तेरी
वफ़ा में जीते हैं
तेरे ख्याल की अब ओ
हवा में जीते हैं
खुमार ए गम है महकती
फ़िज़ा में जीते हैं
फिराकब ए यार में सांसों
को रोक के रखते हैं
फिराकब ए यार में सांसों
को रोक के रखते हैं
हरेक लम्हा गुजराती
क़ज़ा में जीते हैं
तेरे ख्याल की अब ओ
हवा में जीते हैं
ना बात पूरी हुई
थी के रात टूट गई
ना बात पूरी हुई
थी के रात टूट गई
अधुरे ख्वाब की आधी
साजा में जीते हैं
तेरे ख्याल की अब ओ
हवा में जीते हैं
खुमार ए गम है महकती
फ़िज़ा में जीते हैं
तुम्हारी बातों में
कोई मसीहा बस्ता है
तुम्हारी बातों में
कोई मसीहा बस्ता है
हसीन लबों से बरसात
शभा में जीते हैं
तेरे ख्याल की अब ओ
हवा में जीते हैं
खुमार ए गम है महकती
फ़िज़ा में जीते हैं
तेरे ख्याल की अब ओ
हवा में जीते हैं