Jeevan Ki Prabhu Saanjh Bhayee Hai

Narayan Agrawal

जीवन की प्रभु सांझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो
जीवन की प्रभु सांझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो
जगत के स्वामी मेरे प्रभुवर
अपने चरण में ले लो, अपने चरण में ले लो
जीवन की प्रभु सांझ भई है
अब तो शरण में ले लो अब तो शरण में ले लो

इस देही के मालिक तुम हो तुमको सदा भुलाया

इस देही के मालिक तुम हो तुमको सदा भुलाया
भरी जवानी मोल ना जाना सदा तुम्हें बिसराया
तेरे चरण ही मान सरोवर
अपने तरण में ले लो, अपने तरण में ले लो
जीवन की प्रभु सांझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो

छोड़ के कंचन पाकर पीतल अंग ही उसे लगाया

छोड़ के कंचन पाकर पीतल अंग ही उसे लगाया
मृगतृष्णा की प्यास में भटका मन मेरा भारमाया
दास नारायण भिक्षा माँगे
अपनी धरण में ले लो, अपनी धरण में ले लो
जीवन की प्रभु सांझ भई है
अब तो शरण में ले लो, अब तो शरण में ले लो
जगत के स्वामी मेरे प्रभुवर
अपने चरण में ले लो, अपने चरण में ले लो
जीवन की प्रभु सांझ भई है
अब तो शरण में ले लो अब तो शरण में ले लो

Curiosidades sobre a música Jeevan Ki Prabhu Saanjh Bhayee Hai de Jagjit Singh

De quem é a composição da música “Jeevan Ki Prabhu Saanjh Bhayee Hai” de Jagjit Singh?
A música “Jeevan Ki Prabhu Saanjh Bhayee Hai” de Jagjit Singh foi composta por Narayan Agrawal.

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