Ajab Apna Haal Hota Jo Visaal

DAGH DEHLAVI, JAGJIT SINGH

अजब अपना हाल होता
जो विशाल-ए-यार होता
अजब अपना हाल होता
जो विशाल-ए-यार होता
कभी जान सदके होती
कभी बेनीसार होता

ना मजा है दुश्मनी में
नो हैं लुत्फ दोस्ती में
ना मजा है दुश्मनी में
नो हैं लुत्फ दोस्ती में
कोई घर-घेर होता
कोई यार-यार होता
कोई घर-घेर होता
कोई यार-यार होता

ये मजा था दिल्लगी का
के बराबर आग लगती
ये मजा था दिल्लगी का
के बराबर आग लगती
न तुम्हें करार होता
ना हमें क़रार होता
न तुम्हें करार होता
ना हमें क़रार होता

तेरे वादे पर सीतामगर
अभी और सब्र करते
तेरे वादे पर सीतामगर
अभी और सब्र करते
अगर अपनी जिंदगी का
ह्यूम ऐतबार होता
अगर अपनी जिंदगी का
ह्यूम ऐतबार होता
अजब अपना हाल होता
जो विशाल-ए-यार होता

Curiosidades sobre a música Ajab Apna Haal Hota Jo Visaal de Jagjit Singh

De quem é a composição da música “Ajab Apna Haal Hota Jo Visaal” de Jagjit Singh?
A música “Ajab Apna Haal Hota Jo Visaal” de Jagjit Singh foi composta por DAGH DEHLAVI, JAGJIT SINGH.

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