Agar Hum Kahen Aur Woh Muskara Den

DHIMAN JAGJIT SINGH, SUDARSHAN FAAKIR

अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें
हम उनके लिए ज़िंदगानी लुटा दें

हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें
हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें
चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें
हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें

अगर ख़ुद को भूले तो, कुछ भी न भूले
अगर ख़ुद को भूले तो, कुछ भी न भूले
कि चाहत में उनकी, ख़ुदा को भुला दें
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें

कभी ग़म की आँधी, जिन्हें छू न पाए
कभी ग़म की आँधी, जिन्हें छू न पाए
वफ़ाओं के हम, वो नशेमन बना दें
हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें

क़यामत के दीवाने कहते हैं हमसे
क़यामत के दीवाने कहते हैं हमसे
शलो उनके चहरे से पर्दा हटा दें
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें

सज़ा दें, सिला दें, बना दें, मिटा दें
सज़ा दें, सिला दें, बना दें, मिटा दें
मगर वो कोई फ़ैसला तो सुना दें
हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें
चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें

अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें
हम उनके लिए ज़िंदगानी लुटा दें
चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें
चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें

Curiosidades sobre a música Agar Hum Kahen Aur Woh Muskara Den de Jagjit Singh

De quem é a composição da música “Agar Hum Kahen Aur Woh Muskara Den” de Jagjit Singh?
A música “Agar Hum Kahen Aur Woh Muskara Den” de Jagjit Singh foi composta por DHIMAN JAGJIT SINGH, SUDARSHAN FAAKIR.

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