Aaj Jaage Rehna [Cover]
Siddharth Amit Bhavsar
आज जागे रहना, ये रात सोने को है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
आज जागे रहना, ये रात सोने को है
तेरी पलकों पे आँसू आए तो
मेरा काँधा रोने को है, ये रात सोने को है
चुप चुप क्यूँ बैठे हो कह भी दो
गुमसुम से रहते हो, कह भी दो
तेरे लब जो मेरी सरगम गाए तो
फिर प्यार होने को है, ये रात सोने को है
ख़ाहिशों के सहारे बैठकर
कब खुद से हम किनारा कर गए हाँ
ख़ाहिशों के सहारे बैठकर
कब खुद से हम किनारा कर गए
जो आँखों में हज़ारों ख़ाब थे
आँसू भर गए, हाँ
जो हे अधूरी वो बात होने को हे
तेरी पलकों पे आँसू आए तो
मेरा काँधा रोने को है, ये रात सोने को है