Mehfil Mein Baar Baar
महफ़िल
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गई
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गई
हमने बचाई लाख मगर
हमने बचाई लाख मगर फिर उधर गई, ई ई ई ई
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गई
उनकी नज़र में कोई तो जादू ज़ुरूर है
उनकी नज़र में कोई तो जादू ज़ुरूर है
जिस पर पड़ी, उसी के जिगर तक उतर गई
जिस पर पड़ी, उसी के जिगर तक उतर गई, ई ई ई ई
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गई
उस बेवफा की आँख से आंसू छलक पड़े
उस बेवफा की आँख से आंसू छलक पड़े
हसरत भरी निगाह बड़ा काम कर गई
हसरत भरी निगाह बड़ा काम कर गई, ई ई ई ई
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गई
उनके जमाल-ए-रुख पे उन्ही का जमाल था
उनके जमाल-ए-रुख पे उन्ही का जमाल था
वो चल दिए तो रौनक-ए-शाम-ओ-सहर गई
वो चल दिए तो रौनक-ए-शाम-ओ-सहर गई, ई ई ई ई
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गई
उनको खबर करो के है बिस्मिल करीब-ए-मर्ग
उनको खबर करो के है बिस्मिल करीब-ए-मर्ग
वो आयेंगे ज़ुरूर जो उन तक खबर गई
वो आयेंगे ज़ुरूर जो उन तक खबर गई, ई ई ई ई
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गई
हमने बचाई लाख मगर
हमने बचाई लाख मगर फिर उधर गई, ई ई ई ई
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गई