Zindagi Ki Uljhanon Ko Bhool Kar

Shakeel Badayuni

ज़िन्दगी की उलझनों को भूल कर
आज मस्ती में गुजारो रात भर
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा

आज दिल का रंग भी मस्ताना है
आज दिल का रंग भी मस्ताना है
छलका छलका होश का पैमाना है
छलका छलका होश का पैमाना है
हर हकीकत आज एक फ़साना है
मुस्कुराकर दिल की हर एक चोट पर
आज मस्ती में गुजारो रात भर
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा
ज़िन्दगी की उलझनों को भूल कर
आज मस्ती में गुजारो रात भर
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा

जीत लो उल्फत की बाज़ी हार के
जीत लो उल्फत की बाज़ी हार के
है मजे इंकार में इकरार के
है मजे इंकार में इकरार के
झूम लो दम भर नशे में प्यार के
हर गम दुनिआ से होके बेख़बर
आज मस्ती में गुजारो रात भर
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा
ज़िन्दगी की उलझनों को भूल कर
आज मस्ती में गुजारो रात भर
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा
सुबह जब होगी तो देखा जायेगा
हो देखा जायेगा

Curiosidades sobre a música Zindagi Ki Uljhanon Ko Bhool Kar de Asha Bhosle

De quem é a composição da música “Zindagi Ki Uljhanon Ko Bhool Kar” de Asha Bhosle?
A música “Zindagi Ki Uljhanon Ko Bhool Kar” de Asha Bhosle foi composta por Shakeel Badayuni.

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