Zindagi Ittefaq Hai
ज़िन्दगी इतफ़ाक़ है
ज़िन्दगी इतफ़ाक़ है
कल भी इतफ़ाक़ थी
आज भी इतफ़ाक़ है
ज़िन्दगी इतफ़ाक़ है
हाय
जाम पकड़ बढ़ा के हाथ
मांग दुआ घटे न रात
जान ए वफ़ा तेरी क़सम
कहते है दिल की बात हम
गर कोई मेल हो सके
आँखों का खेल हो सके
अपने को खुशनसीब जान
वक़्त को मेहरबाँ मान
मिलते है दिल कभी कभी
वार्ना है अजनबी सभी
मेरे हमदम मेरे मेहरबान
हर ख़ुशी इतफ़ाक़ है
हर ख़ुशी इतफ़ाक़ है
कल भी इतफ़ाक़ थी
आज भी इतफ़ाक़ है
ज़िन्दगी इतफ़ाक़ है
हुस्न है और शबाब है
ज़िन्दगी कामयाब है
बज़्म यूँ ही खिली रहे
अपनी नज़र मिली रहे
रंग यूँ ही जमा रहे
वक़्त यूँ ही थमा रहे
साज़ की लैय पे झूम ले
ज़ुल्फ़ के ख़म को चूम ले
मेरे किए से कुछ नहीं
तेरे किए से कुछ नहीं
मेरे हमदम
मेरे मेहरबान
ये सभी इतफ़ाक़ है
ये सभी इतफ़ाक़ है
कल भी इतफ़ाक़ थी
आज भी इतफ़ाक़ है
ज़िन्दगी इतफ़ाक़ है