Mujhi Men Chhup Kar Mujhi Se Door
मुझी मे च्छूप कर मुझी से डोर
ये कैसा दस्तूर
रे मालिक ये कैसा दस्तूर
मैने मॅन की आँखो से
तो देखा है सौ बार तुझे
लेकिन टन की आँखो से
भी दे दर्शन इक बार मुझे
दर्शन दे फिर च्चीं
ले अँखियाँ ये मुझको मंजूर
रे मालिक ये मुझको मंजूर
मुझी मे च्छूप कर मुझी से डोर
ये कैसा दस्तूर
रे मालिक ये कैसा दस्तूर
चली हवा जब टन को
च्छू कर मैने तुझे पहचान लिया
तुझ बिन कोमल हाथ ये
किसका होगा मैने जान लिया
धूप हवा सब रूप है
तेरे सब मे तेरा नूर
रे मालिक सब मे तेरा नूर
मुझी मे च्छूप कर मुझी से डोर
ये कैसा दस्तूर
रे मालिक ये कैसा दस्तूर
सच्चे दिल से नाम लूँ
तेरा निर्धन की यही पूजा है
आँधियारे मे साथी
कोई और ना तुम बिन दूजा है
तेरी खुशी मे खुश है
दाता हम बंदे मजबूर
रे मालिक हम बंदे मजबूर
मुझी मे च्छूप कर मुझी से डोर
ये कैसा दस्तूर
रे मालिक ये कैसा दस्तूर