Mehfil Main Aye Ho
आ आ जो रौशनी है आपका चाँद तारों मे
जो दिलकशी है चमन के हसी नज़ारो मे
मेरे सबब मे ऐसे सबब है दोनो के
जैसे चार के नामी जावा बहारो मे
महफ़िल मे आए हो आपका दिल जान जाएँगे
पहचान जाएँगे फिर मान जाएँगे
महफ़िल मे आए हो आपका दिल जान जाएँगे
पहचान जाएँगे फिर मान जाएँगे
अजी हमसे ना उलझो आइ जान महफ़िल जान जाओगे
पहचान जाओगे फिर मान जाओगे
सुर्ख जंजीर नज़र तीर अदाए खंजर
में तो बस तुमने कीझ लिया मेरा सबस कहर
इनमे उलझाना मुझे कोई आसान नही
मौत का डर हो जिसे में वो नादान नही
कभी निसना कभी वादा चूक जाता है
मेरा कातिल हरेक बाद झुक जाता है
इस घड़ी भी हू निशाने पे वाद कर जाओ
या मेरी मौत का फिर एतबार कर जाओ
हू बहुत देखे
हा हमसे ना उलझो आइ जान महफ़िल जान जाओगे
पहचान जाओगे फिर मान जाओगे
वक्त के साथ में हर रंग मे ढाल सकता हू
जिद पे अओ तो रुख़ हवा का बदल सकता हू
जोश मे यू ना मच नाच इतना भी ना कर
तुझको पहचान गयी है ये जवानी की लहर
ये मेरा काम था आसान तुझे दिल देना
कोई मुस्किल नही गुमराह तुझे कर देना
जुल्फे के कर दू जो प्रेसन ऐसे दिल जा की मुझे
उमर भर भटकते जाओ
महफ़िल मे आए हो आपका दिल जान जाएँगे
पहचान जाएँगे फिर मान जाएँगे
जहाँ में देखे ही नही है तूने जिंदा दिल
तू भी समझा नही नादान अदाए कातिल
आज मोका है मिला फिर ना करना तू गीला
में हू तैयार खड़ा जूठी जिद पे है अड़ा
जाने क्यू तेरी जवानी पे रहम आता है
हाथ आया शिकार भी कोई गावाता है
नैनो से तीर चले मेरी आहो पे जले
नीचे नज़रो से खड़ा हा लिए वॉर गया
तब्सुम की ये बिजली ना मेरी जान निकली
ये मेरी सोख अदा कुछ असर ना हुआ
देखो मेरी अंगड़ाई, ये अब तक ना आई
मेरे लिए कोई नया सितम ही जाग करो
या को समा किया है मैने उसे याद करो
क्यू याद आया या नही
अजी हमसे ना उलझो आइ जान महफ़िल जान जाओगे
पहचान जाओगे फिर मान जाओगे
हमसे ना उलझो आइ जान महफ़िल जान जाओगे
पहचान जाओगे फिर मान जाओगे