Man Bahak Raha Hai

GULZAR, RAHUL DEV BURMAN

मन बहक रहा है बार बार शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
शाम का बदन महक रहा है शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
शाम का बदन महक रहा है शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से

थोड़ा सा महका बदन
थोड़ा सा महका बदन थोड़ा सा बहका बदन
थोड़ा सा महका बदन थोड़ा सा बहका बदन
बोली ये बाँसुरी ये तेरे नाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
शाम का बदन महक रहा है शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से

पास है आज कोई
पास है आज कोई फेर दे लाज कोई
पास है आज कोई फेर दे लाज कोई
हो गयी बाँवरी पी तेरे नाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
शाम का बदन महक रहा है शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से
मन बहक रहा है बार बार शाम से

Curiosidades sobre a música Man Bahak Raha Hai de Asha Bhosle

De quem é a composição da música “Man Bahak Raha Hai” de Asha Bhosle?
A música “Man Bahak Raha Hai” de Asha Bhosle foi composta por GULZAR, RAHUL DEV BURMAN.

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