Kya Roz Roz Peena
तेरे चेहरे में है जो बात किसी और में नही
तेरे चेहरे में है जो बात किसी और में नही
ऐसा जलवा ना कोई है ना हुआ ना होगा
हो तेरे चेहरे में है जो बात किसी और में नही
ऐसा जलवा ना कोई है ना हुआ ना होगा
हाए तेरे चेहरे में है जो बात किसी और में नही
अपने उलझे हुए बालो को सँवर जाने दे
फूल सी अपनी ये रुखसार निखर जाने दे
सादगी होती है रुखसत तो उसे होने दे
जिस्म पर रंग जो बिखरे तो बिखर जाने दे
तेरे चेहरे में है जो बात किसी और में नही
अब तेरी चाल को तूफान उठाने होंगे
जीतने सोए हुए फ़ितने है जगाने होंगे
अपनी आँखो को इशारो की इजाज़त देकर
उन इशारो से कई रंग ज़माने होंगे
तेरे चेहरे में है जो बात किसी और में नही
ऐसा जलवा ना कोई है ना हुआ ना होगा
ओ तेरे चेहरे में है जो बात किसी और में नही