Ish Desh Ko Swarg

Ravi, Ravindra Krishan

वक़्त के साथ चलो वक़्त की आवाज़ सुनो
वक़्त जो साज बजाता है वही राग सुनो
वक़्त कहता है तो घूँघट भी जला कर रख दो
खोखली रस्मो की बुनियाद हिला कर रख दो
देविओ गीत ये पनघट के भुलाने होंगे
अब नये राग मशीनो से सुनाने होंगे
अब जागना ओर जगाना है अब जागना ओर जगाना है
इस देश को स्वर्ग बनाना है
अब जागना ओर जगाना है

अब चूल्‍हे चोके के संग संग हम सीखे ओर सिखाएँगे
इस देश के गाव गाव मे विद्या का राग सुनाएँगे
अब तोड़ के रातो का जादू सूरज से आँख मिलाना है
सूरज से आँख मिलाना है इस देश को स्वर्ग बनाना है
अब जागना ओर जगाना है

संतान के ललचा मे आकर क्यू ओर बढ़ाए आबादी
इंसान ज़्यादा ओर धरती कम तो बिक जाएगी आज़ादी
तकदीर की ताक़त से अपनी बिगड़ी तकदीर बनाना है
बिगड़ी तकदीर बनाना है इस देश को स्वर्ग बनाना है
अब जागना ओर जगाना है

अब छोड़ के झूले सावन के तपती हुई रेत पे चलना है
मेहंदी की जगह इन हाथो को दुश्मन के खून से रंगना है
जिस माँ ने जनम दिया हमको उस माँ की लाज बचाना है
उस माँ की लाज बचाना है इस देश को स्वर्ग बनाना है
अब जागना ओर जगाना है
अब जागना ओर जगाना है

Curiosidades sobre a música Ish Desh Ko Swarg de Asha Bhosle

De quem é a composição da música “Ish Desh Ko Swarg” de Asha Bhosle?
A música “Ish Desh Ko Swarg” de Asha Bhosle foi composta por Ravi, Ravindra Krishan.

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