Duniya Ka Mandir Chhod Ke
दुनिया का मंदिर छोड़ के चले गये भगवान
दुनिया का मंदिर छोड़ के चले गये भगवान
इसी पे रोता है इंसान कौन आँसू पोछे
आज पुजारी और डाकू की रही नहीं पहचान
इसी पे रोता है इंसान कौन आँसू पोछे
टूटे दिल रौंदे जाते है दुनिया के खेलों में
हमी खिलौना बनकर बिकते किस्मत के मेलो में
इन किस्मत के मेलो में
खून पसीना बहे किसी का बने कोई धनवान
इसी पे रोता है इंसान कौन आँसू पोछे
दुनिया का मंदिर छोड़ के चले गये भगवान
इसी पे रोता है इंसान कौन आँसू पोछे
ऐसी किस्मत को क्या करना जो किस्मत हो ऐसी
हाय बनाने वाले ने तक़दीर बिगाड़ी कैसी
तक़दीर बिगाड़ी कैसी
अपने लिखे को पढ़ पढ़ कर हंसता है भगवान
इसी पे रोता है इंसान कौन आँसू पोछे
दुनिया का मंदिर छोड़ के चले गये भगवान
इसी पे रोता है इंसान कौन आँसू पोछे