Bund Kamre Main Ek Ladki

Ravinder Rawal

बंद कमरे मे एक लड़की अकेली, और एक अजनबी, साथ हो
रात हो, रात हो, तो क्या हो
हाथ मे दोनो के प्याले छलकते, होठं पर अंबूझी, प्यास हो
रात हो, रात हो, तो क्या हो

हुस्न किस क़दर नवाज़िश पे उतर आया है
वक़्त शायद किसी साज़िश पे उतर आया है

छाई देखो छाई रे खुमारी खोई खोई जाऊँ में दीवानी
छाई देखो छाई रे खुमारी खोई खोई जाऊँ में दीवानी
आजा देदे बाहो का सहारा प्यासी प्यासी मेरी ये जवानी
ऐसे मे नियत किसी की जो डगमगाई तो क्या हो
बंद कमरे मे एक लड़की अकेली, और एक अजनबी, साथ हो
रात हो, रात हो, तो क्या हो

रात जागी है जवानी की उमंगे लेकर
आज शब कायर नही तेरे दीवाने की

बाहे तेरी बाहो से मिली है आँखे तेरी आँखो मे समाई
बाहे तेरी बाहो से मिली है आँखे तेरी आँखो मे समाई
सासे तेरी सासो को छुए रे क्यो हो प्यासे होठों पे दुहाई
ऐसे मे ये रोसनी भी मैने बुझाई तो क्या हो
बंद कमरे मे एक लड़की अकेली, और एक अजनबी, साथ हो
रात हो, रात हो, तो क्या हो
हाथ मे दोनो के प्याले छलकते , होठं पर अंबूझी, प्यास हो
रात हो, रात हो, तो क्या हो

Curiosidades sobre a música Bund Kamre Main Ek Ladki de Asha Bhosle

De quem é a composição da música “Bund Kamre Main Ek Ladki” de Asha Bhosle?
A música “Bund Kamre Main Ek Ladki” de Asha Bhosle foi composta por Ravinder Rawal.

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