Sawan Ka Mahina [Reprise]
Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
तेरी इन्ही बातों से मुलाकातें से
भरता नहीं मन
भीगे लम्हातों से जस्बातों से
भरता नहीं मन
तू इस कदर बरस गया मुझ पर
सावन का महीना पवन करे सोर
जियरा रे झूमे ऐसे
जैसे बनमा नाचे मोर
सावन का महीना पवन करे सोर
जियरा रे झूमे ऐसे
जैसे बनमा नाचे मोर
राम गजब ढाए ये पुरवइया
नइया सम्भालो कित खोए हो खिवइया
पुरवइया के आगे चले ना कोई ज़ोर
जियरा रे झूमे ऐसे जैसे बनमा नाचे मोर
सावन का महीना पवन करे सोर
जियरा रे झूमे ऐसे जैसे बनमा नाचे मोर
ओ ओ ओ ओ