Chhapaak
कोई चेहरा मिटा के और आँख से हटा के
चंद छींटे उड़ा के जो गया
छपाक से पहचान ले गया
एक चेहरा गिरा जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
ना चाह ना चाहत कोई
ना कोई ऐसा वादा हा
ना चाह ना चाहत कोई
ना कोई ऐसा वादा
हाथ में अँधेरा और आँख में इरादा
कोई चेहरा मिटा के और आँख से हटा के
चंद छींटे उड़ा के जो गया
छपाक से पहचान ले गया
एक चेहरा गिरा जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
बेमानी सा जुनून था बिन आग के धुआँ
बेमानी सा जुनून था बिन आग के धुआँ
ना होश ना ख़याल सोच अंधा कुआँ
कोई चेहरा मिटा के और आँख से हटा के
चंद छींटे उड़ा के जो गया
छपाक से पहचान ले गया
एक चेहरा गिरा जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आरज़ू थी शौक़ थे वो सारे हट गए
कितने सारे जीने तागे कट गए
आरज़ू थी शौक़ थे वो सारे हट गए
कितने सारे जीने तागे कट गए
सब झुलस गया
कोई चेहरा मिटा के
एक चेहरा गिरा जैसे मोहरा गिरा
जैसे धूप को ग्रहण लग गया
छपाक से पहचान ले गया
छपाक से पहचान ले गया
पहचान ले गया
पहचान ले गया