Khat Mein Likha Hai
खत मे लिखा हैं
अब के बरस वो सावन लेकर आएँगे
खत मे लिखा हैं
अब के बरस वो सावन लेकर आएँगे
सावन लेकर आएँगे
बरसेगी कुछ ऐसे बीजूरिया ओ
बरसेगी कुछ ऐसे बीजूरिया
आग से आग बुझायेँगे
खत मे लिखा हैं
अब के बरस वो सावन लेकर आएँगे
सावन लेकर आएँगे
आहट सी धड़कन बनके कुछ ऐसे ख्वाब दिखाएगी
मधुर मिलन की बहकी बगियाँ इंद्रधनुष बन जाएगी
रंग उड़ा दे नगमे लेकर ऐसा रंग उड़ाएंगे
बरसेगी कुछ ऐसे बीजूरिया
बरसेगी कुछ ऐसे बीजूरिया
आग से आग बुझायेँगे
खत मे लिखा हैं
अब के बरस वो सावन लेकर आएँगे
सावन लेकर आएँगे
तुरुतू तू तू तू रु रु
तुरुतू तू तू तू रु रु
तुरुतू तुरुतू तुरुतू
तु उ उ उ उ
मेरे बिना काटी होंगी कैसे तन्हा काली रातें
रात रात भर उनसे पूछूंगी मैं वो सारी बातें
आहे भर भर के वो मुझको अपना हाल सुनाएँगे
बरसेगी कुछ ऐसे बीजूरिया ओ
बरसेगी कुछ ऐसे बीजूरिया
आग से आग बुझायेँगे
खत मे लिखा हैं
अब के बरस वो सावन लेकर आएँगे
सावन लेकर आएँगे
ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ
ज़ुल्फो की घनघोर घटायें छेड़ेगी मल्हार नया
दीपक बनके बैठी बिरहा को हम देंगे प्यार नया
बहकी हुई इस रुत को रब जाने क्या कुछ समझाएँगे
बरसेगी कुछ ऐसे बीजूरिया ओ
बरसेगी कुछ ऐसे बीजूरिया
आग से आग बुझायेँगे
खत मे लिखा हैं
अब के बरस वो सावन लेकर आएँगे
सावन लेकर आएँगे
सावन लेकर आएँगे