Ik Zindagi Gujar Gayi Zindagi Samajhne Mein [Jhankar Beat]
एक ज़िंदगी गुज़र गयी
ज़िंदगी समझ ने में
एक ज़िंदगी गुज़र गयी
ज़िंदगी समझ ने में
एक उम्र और चाहिए
अब तुझे समझ ने में
एक ज़िंदगी गुज़र गयी
ज़िंदगी समझ ने में
एक उम्र और चाहिए
अब तुझे समझ ने में
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
आई बहार भी मगर
फूल क्यूँ ना खिल सके
ये बात है नसीब की
मिल कर भी हम ना मिल सके
अब सोचती हूँ हर घड़ी
तुमने की जो बेरूख़ी
शायद अभी भी रह गई
मेरे प्यार मे कमी
साँसे भी टूट जाएँगी
इक तुझे समझने मे
इक उम्र और चाहिए
अब तुझे समझने मे
इक ज़िंदगी गुज़र गयी
ज़िंदगी समझने मे
इक उम्र और चाहिए