Darpan Ko Dekha
औ औ औ औ
ला ला ला ला
औ औ औ औ
ला ला ला ला
औ औ औ औ
ला ला ला ला
औ औ औ औ
ला ला ला ला
औ औ औ औ
दर्पण जो देखा तो खुद से लजाई हाए रे दैया
दर्पण जो देखा तो खुद से लजाई जाग उठे रे अरमान
ओ सखी आया ये कैसा तूफान ओ
आया ये कैसा तूफान
दर्पण जो देखा तो खुद से लजय जाग उठे रे अरमान
ओ सखी आया ये कैसा तूफान ओ
आया ये कैसा तूफान
कैसे बेदर्दी से नेहा लगाया धीरज जो ना रखे
धीरज जो ना रखे
लाज के मारे मोहे आए पसीना
अँखियो मे यू झके वो तो मेले मे
वो तो मेले अकेले मे जहा मिले ओ सखी जहा मिले
वो तो मेले अकेले मे जहा मिले ओ सखी जहा मिले
वो तो मेले अकेले मे जहा मिले
वो तो मेले अकेले मे जहा मिले
छुपके से आईके गले से लगाके हाए रे दैया
छुपके से आईके गले से लगाके बोले कहा मेरा मन
ओ सखी आया ये कैसा तूफान
आया ये कैसा तूफान
पहले पहले मोरा धड़का था जियरा में तो थी अंजनी
में तो थी अंजनी
हो प्यारा मे होता है क्या क्या ना जाना
हो गयी मे दीवानी फिर वो रोके से
फिर वो रोके से मेरे भला कहा रुके ओ सखी री कहा रुके
फिर वो रोके से मेरे भला कहा रुके ओ सखी री कहा रुके
ओ फिर वो रोके से मेरे भला कहा रुके
फिर वो रोके से मेरे भला कहा रुके
ओ निंदिया उदायके रे चाइना चुराईके हाए रे दैया
निंदिया उदायके रे चाइना चुराईके चलता बना बेईमान
ओ सखी आया ये कैसा तूफान ओ
आया ये कैसा तूफान
ओ दर्पण जो देखा तो खुद से लजाई जाग उठे रे अरमान
ओ सखी ओ सखी ओ सखी आया ये कैसा तूफान ओ
आया ये कैसा तूफान