Aarti Balak Ram Lalla Ki
आरती बालक राम लला की
मंगल भवन श्री अवध लला की
सत्य सनातन धर्म जगाने
पाप असत्य अन्याय मिटाने
नारायण बालक बन आए
हरि अवतार श्री राम कहाए
श्याम वर्ण और साँवरी सूरत
घुंघराली लट प्यारी मूरत
दश अवतार की छवि समाई
बरनी न जाए सुंदरताई
राजा दशरथ अति सुख पाए
माँ कौशल्या लाड़ लड़ाए
कैकेई माता लेत बलाई
तन मन वारे सुमित्रा मांई
बोलत राघव तोतली बानी
प्रेम लुटाएं राजा रानी
ठुमक ठुमक चलते रघुराई
पैंजनी बाजे मधुर ध्वनि आई
भरत लखन शत्रुघन रामा
चारों भाई सुख के धामा
देख के मन में हो उजियारा
आँख से बहती करुणा धारा
नगरी अयोध्या धन्य हो गई
जन्म लिए जहाँ श्री रघुराई
दिव्य जनमभूमि दरबारा
संग में बहती सरयू धारा
अवधपुरी में मंदिर साजे
कृष्ण शिला की मूर्ति विराजे
भक्त जनों ने आरती गाई
बाजे ढोल झांझ शहनाई
करते जो जन राम की भक्ति
सत्य धर्म की मिलती शक्ति
धीरज बल करुणा वो पाएं
जो श्री राम का ध्यान लगाएं
आरती राम लला की कीजै
रघुवर का शुभ दर्शन लीजै
जीवन मंगलमय हो जाए
जन्म मरण से मुक्ति पाएं