Bhor Bhayo
Jashwant Gangani
आह आ आ..केसरिया बालम आवो नी
पधारो म्हारे देस जी
पधारो म्हारे देस
भोर भई और कोयल जागी
भोर भई और कोयल जागी
गीत मधुर गयो रे
भोर भई और कोयल जागी
सोने जैसा सूरज उग्यो
धरती बनी दुल्हन सी रे
मंदिर मंदिर झालर बाजी
मंदिर मंदिर झालर बाजी
धुन पुजारी गायो रे
भोर भई और कोयल जागी
कल कल करती नटखट नदियाँ
प्रेम रस छलकायो रे
घूंघट तान मल के नारी
घूंघट तान मल के नारी
रूप सुहाना पायो रे
भोर भई और कोयल जागी
भोर भई और कोयल जागी
गीत मधुर गायो रे
भोर भई और कोयल जागी
भोर भई और कोयल जागी
आह आ आ हा
आह आ आ हा
आह आ आ हा
आह आ आ हा
आह आ आ हा