Main Sasural Nahin Jaoongi
मैं ससुराल नही जाऊंगी डोली रख दो काहारो
साल दो साल नही जाऊंगी डोली रख दो काहारो
मैं ससुराल नही जाऊंगी डोली रख दो काहारो
पहला संदेसा ससुर जी का आया
पहला संदेसा ससुर जी का आया
अच्छा बहाना ये मैने बनाया
बुड्ढे ससुरे के ओ बुड्ढे ओ बुड्ढे
ओ बुड्ढे ससुरे के संग नही जाऊंगी
डोली रख दो काहारो
साल दो साल नही जवँगी डोली रख दो काहारो
दूजा संदेसा सासू जी का आया
दूजा संदेसा सासू जी का आया
बुढ़िया ने हाए मुझे कितना सताया
इस बुढ़िया को इस बुढ़िया को अब मैं सताऊँगी
डोली रख दो काहारो
साल दो साल नही जाऊंगी डोली रख दो काहारो
तीजा संदेसा ननंदिया का आया
तीजा संदेसा ननंदिया का आया
जिसने इशारो मे मुझको नचाया
उसे घुँगरू अब उसे घुँगरू अब मैं पेहनाऊंगी
डोली रख दो काहारो
साल दो साल नही जाऊंगी डोली रख दो काहारो
चौथा संदेसा नंदोई जी का आया
चौथा संदेसा नंदोई जी का आया
मैं चल पड़ी थी मगर याद आया
इतनी जल्दी मैं इतनी जल्दी मैं कैसे मान जाऊंगी
डोली रख दो काहारो
साल दो साल नही जाऊंगी डोली रख दो काहारो
पाँचवा संदेसा पिया जी का आया
पाँचवा संदेसा मेरे पिया जी का आया
कोई बहाना ना फिर याद आया
कोई बहाना ना फिर याद आया
नंगे पाव मैं नंगे पाव मैं दौड़ी चली जाऊंगी
डोली को गोली मारो
मयके वापस मैं लौटके ना आऊँगी
सैय्याँ जी से लिपट मैं जाऊंगी
सुनी सेज सज़रिया सजाऊँगी
ओ बनके बिस्तर मैं हाए बिच्छ जाऊंगी