Sau Tarah Ke [Revisited]
कल सुबह सोचेंगे जो आज रात किया
कल सुबह गिन लेंगे सारी गलतियाँ
तू मेरा अभी हो
जा ना अजनबी फिर
हम मिलेंगे ना कभी
कल सुबह चले जाएंगे है घर जहाँ
कल सुबह बोलें जो भी बोलेगा जहाँ
तू मेरा अभी हो
जा ना अजनबी फिर
हम मिलेंगे ना कभी
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
तू कहे तो जान दे दूँ
कहने में हर्ज़ क्या है
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है (आयुअ आयुअ)
बाहों को बाहों में दे दे तू जगह
तुझसे तो दो पल का मतलब है मेरा
तेरे जैसे ही मेरा भी
दिल खुदगर्ज़ सा है
तेरे जैसे ही मेरा भी
दिल खुदगर्ज़ सा है
तू कहे तो जान दे दूँ
कहने में हर्ज़ क्या है
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
या या या या हबीबी
या या या या हबीबी
लिल्लाह या हबीबी आ
कल सुबह तक झूठा वाला प्यार करें
कल सुबह तक झूठी बातें चार करें
तू मेरा अभी हो
जा ना अजनबी फिर
हम मिलेंगे ना कभी
ला तख़फी महमा क़लू
आना क़लबी हवाकि(या अल्लाह हबीबी या अल्लाह)
ला तख़फी महमा क़लूउ
आना क़लबी हवाकि
तू कहे तो जान दे दूँ
कहने में हर्ज़ क्या है (या अल्लाह हबीबी या अल्लाह)
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
आ आ आयुअ आयुअ या हबीबी