Kudrat Ne Baksha
USHA KHANNA, SAAWAN KUMAAR
कुदरत ने बक्शा था हमको
एक हसीन जहा
टुकड़े टुकड़े कर डाला
क्यूँ तूने इंसान
कही बनाया अमेरिका
कही पह हिन्दुस्तान
कही पह रशिया कही
पह युरोप कही पह पाकिस्तान
आओ आओ आओ मिलकर बनाए
अमन का ऐसा एक मकाम
आओ मिलकर बनाए
अमन का ऐसा एक मकाम
जिस मे रहे इंसानियत
और रहे इंसान
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ