Sabro Karar Chhin Ke
Ramanand Sarswati
सब्र-ओ-करार छीन के आँखे चुरा गये
सब्र-ओ-करार छीन के आँखे चुरा गये
होश-ओ-हवस लूट पागल बना गये
होश-ओ-हवस लूट पागल बना गये
लोगो को मेरे दिल की
लोगो को मेरे दिल की
परेशानियो का हाल
कह ना सकी ज़ुबान तो आँसू बता गये
कह ना सकी ज़ुबान तो आँसू बता गये
सब्र-ओ-करार छीन के आँखे चुरा गये
सब्र-ओ-करार छीन के आँखे चुरा गये
कहने लगी यूँ हसरतें अंधेर मच गया
कहने लगी यूँ हसरतें अंधेर मच गया
जलता हुआ उमीद का दीपक बुझा गये
जलता हुआ उमीद का दीपक बुझा गये
सब्र-ओ-करार छीन के आँखे चुरा गये
सब्र-ओ-करार छीन के आँखे चुरा गये